वेदिक ज्योतिष में खराब शादीशुदा जीवन को कैसे देखें?
- Dr. Vinay Bajrangi
- 5 hours ago
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शादीशुदा जीवन हर व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। लेकिन कई बार, चाहे दोनों पार्टनर कितने भी समझदार क्यों न हों, वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि इसका कारण सिर्फ व्यवहार या परिस्थिति नहीं, बल्कि आपकी कुंडली में छिपे ग्रह योग भी हो सकते हैं? वेदिक ज्योतिष के माध्यम से हम यह जान सकते हैं कि किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सफल होगा या असफल।
कुंडली में शादीशुदा जीवन का विश्लेषण कैसे करें?
विवाह और शादीशुदा जीवन का विश्लेषण मुख्य रूप से सप्तम भाव (7th House) से किया जाता है। यह भाव जीवनसाथी, विवाह संबंध, साझेदारी और जीवन में सामंजस्य को दर्शाता है। इसके अलावा, शुक्र (Venus) और गुरु (Jupiter) ग्रह भी विवाह और रिश्तों में अहम भूमिका निभाते हैं।
1. सप्तम भाव की स्थिति
सप्तम भाव में पाप ग्रहों (शनि, राहु, केतु, मंगल) की स्थिति, या इनका दृष्टि संबंध, वैवाहिक जीवन में तनाव, झगड़े या दूरियों का संकेत देता है।
2. मंगल दोष या मांगलिक दोष
मंगल दोष (Manglik Dosha) एक प्रमुख कारण होता है शादी में देरी या शादीशुदा जीवन में समस्याएं आने का। यदि आपकी कुंडली में मंगल 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में स्थित है, तो यह दोष उत्पन्न होता है।
3. शुक्र और गुरु की दशा
शुक्र प्रेम, आकर्षण और संबंधों का कारक है। वहीं, गुरु जीवनसाथी के लिए जिम्मेदार होता है विशेष रूप से स्त्री की कुंडली में। इन ग्रहों की खराब स्थिति, नीच राशि में होना या पाप ग्रहों के साथ युति करना रिश्तों में अनबन का संकेत हो सकता है।
4. नवमांश कुंडली का विश्लेषण
नवमांश (D9 chart) विवाह की गहराई को दर्शाता है। यदि मूल कुंडली में कोई योग ठीक दिख रहा है लेकिन नवमांश में वह बिगड़ा हुआ है, तो व्यक्ति को शादी के बाद परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
खराब शादीशुदा जीवन के कारण
· ग्रहों की अशुभ स्थिति
· सप्तम भाव का कमजोर होना
· मांगलिक दोष का प्रभाव
· कुंडली मिलान में दोष
· दोषपूर्ण दशा और गोचर
वैदिक उपाय क्या हैं?
Dr. Vinay Bajrangi जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यदि सही समय पर कुंडली का विश्लेषण करके ग्रहों के दोष पहचाने जाएं, तो शादीशुदा जीवन की समस्याओं का समाधान संभव है।
कुछ प्रमुख उपाय:
· शिव पार्वती की पूजा करें — इससे वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बढ़ता है।
· शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को व्रत रखें।
· गुरु की कृपा पाने के लिए पीले वस्त्र धारण करें और बृहस्पतिवार का व्रत रखें।
· मांगलिक दोष निवारण हेतु हनुमान चालीसा और मंगल स्तोत्र का पाठ करें।
· किसी योग्य ज्योतिषी से कुंडली मिलान कराएं, विशेषकर अगर विवाह से पहले हैं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या खराब ग्रह स्थिति से शादी टूट सकती है?
हाँ, यदि कुंडली में सप्तम भाव और संबंधित ग्रह बहुत कमजोर हों, तो यह तलाक की संभावना को बढ़ा सकता है।
Q2. क्या मांगलिक दोष का इलाज संभव है?
हाँ, मांगलिक दोष को विभिन्न वेदिक उपायों और पूजा विधियों से शांत किया जा सकता है। Dr. Vinay Bajrangi जैसे विशेषज्ञ से सलाह लेना फायदेमंद होता है।
Q3. क्या विवाह से पहले कुंडली मिलाना ज़रूरी है?
बिलकुल, कुंडली मिलान से यह पता चलता है कि दोनों लोगों के ग्रह कितने अनुकूल हैं और इससे भविष्य में वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा।
Q4. क्या नवमांश कुंडली ज़रूरी होती है?
हाँ, नवमांश कुंडली से हम यह जान सकते हैं कि शादी के बाद जीवनसाथी से संबंध कैसे रहेंगे। यह मूल कुंडली के बाद सबसे अहम कुंडली होती है।
Q5. शादीशुदा जीवन में तनाव हो तो क्या करें?
पहले एक योग्य ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण कराएं। कारण जानने के बाद सही उपायों से जीवन को संतुलित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
वेदिक ज्योतिष एक प्रभावी माध्यम है यह जानने का कि किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन कैसा रहेगा। यदि समय रहते ग्रह दोषों की पहचान कर ली जाए और उचित ज्योतिषीय उपाय किए जाएं, तो शादीशुदा जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है।
यदि आप भी अपने रिश्तों में समस्याओं का सामना कर रहे हैं या भविष्य को लेकर चिंतित हैं, तो Dr. Vinay Bajrangi से सलाह अवश्य लें। उनकी विशेषज्ञता से हजारों लोगों ने अपने विवाहिक जीवन की परेशानियों का समाधान पाया है।
किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।
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