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क्या शादी सच में कुंडली और कुंडली मिलान पर निर्भर करती है?

  • Writer: Dr. Vinay Bajrangi
    Dr. Vinay Bajrangi
  • 2 days ago
  • 4 min read

does marriage depend on horoscope matching
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भारत में विवाह केवल दो लोगों का मिलन नहीं है, बल्कि दो परिवारों का सामाजिक और आध्यात्मिक बंधन है। इस बंधन को मजबूत और दीर्घकालिक बनाने के लिए सदियों से कुंडली मिलान की परंपरा चली आ रही है। लेकिन सवाल यह उठता है — क्या शादी सच में कुंडली और कुंडली मिलान पर निर्भर करती है?

आधुनिक युग में कई लोग इस परंपरा को केवल एक औपचारिकता मानते हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कुंडली मिलान से विवाह की सफलता को जोड़कर देखते हैं। तो आइए ज्योतिष की दृष्टि से इस विषय पर गहराई से विचार करें।


कुंडली मिलान का महत्व


कुंडली मिलान क्या है?


जब दो लोगों के जन्म के समय, तारीख और स्थान के आधार पर उनकी जन्म कुंडलियां बनाई जाती हैं, तो उन्हें आपस में मिलाकर देखा जाता है कि उनके बीच कितना ग्रह–सामंजस्य है। यह प्रक्रिया गुण मिलान (Ashtakoota Milan) पर आधारित होती है जिसमें कुल 36 गुण होते हैं।


अगर इन गुणों में से कम से कम 18 गुण मेल खाते हैं तो विवाह के लिए कुंडली को उपयुक्त माना जाता है। यदि यह 25 से ऊपर हो तो बहुत ही अच्छा संयोग माना जाता है।


मुख्य गुण जो मिलाए जाते हैं:


· वर और वधू की मानसिकता (गुण)

· सेहत और आयु (नाड़ी दोष)

· आर्थिक स्थिरता (भविष्य की योजना)

· संतान योग


क्या केवल कुंडली मिलान काफी है?


डॉ. विनय बजरंगी, एक प्रसिद्ध वैदिक ज्योतिषाचार्य, कहते हैं कि “केवल गुण मिलान ही नहीं, कुंडली में योग, दोष और ग्रहों की स्थिति को भी गहराई से समझना जरूरी होता है।” अक्सर लोग केवल गुण देखकर निर्णय लेते हैं, लेकिन कुंडली में छिपे ग्रह दोष, दशा प्रणाली, और भाग्य के संकेत को नजरअंदाज कर देते हैं।


उदाहरण के लिए, यदि दोनों की कुंडलियों में एक जैसा सप्तम भाव (विवाह भाव) कमजोर हो, तो विवाह के बाद मानसिक संघर्ष हो सकता है, चाहे गुण मिलान में उच्च स्कोर ही क्यों न हो।


आधुनिक समय में कुंडली मिलान की प्रासंगिकता


आज के दौर में जहां लव मैरिज आम होती जा रही है, वहां कुंडली मिलान का रोल थोड़ा अलग हो गया है। डॉ. विनय बजरंगी का कहना है कि लव मैरिज में भी कुंडली की जांच बेहद जरूरी होती है, ताकि भविष्य में टकराव, संतान से जुड़ी समस्याएं या आर्थिक परेशानियों से बचा जा सके।


ज्योतिष एक गाइडलाइन प्रदान करता है, जो शादी से पहले एक सशक्त निर्णय लेने में मदद करता है।


क्या कुंडली नहीं मिलने पर शादी नहीं हो सकती?


यह कहना बिल्कुल गलत होगा। कई बार गुण मिलान में कम अंक होने पर भी अगर कुंडली में अन्य शुभ योग हों, तो विवाह सफल होता है। ऐसे मामलों में अनुभवी ज्योतिषी जैसे कि डॉ. विनय बजरंगी, कुंडली/kundli का गहराई से विश्लेषण कर समाधान बताते हैं।


इसके अलावा, कुछ विशेष उपाय जैसे दोष निवारण अनुष्ठान, रुद्राभिषेक, मंत्र जाप, आदि से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।


निष्कर्ष


इसलिए यह कहना बिल्कुल उचित होगा कि शादी और कुंडली मिलान एक–दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। कुंडली मिलान का उद्देश्य केवल गुण गिनना नहीं, बल्कि एक स्थायी, सुखी और संतुलित दांपत्य जीवन सुनिश्चित करना है।

यदि आप विवाह की योजना बना रहे हैं या किसी रिश्ते को लेकर दुविधा में हैं, तो डॉ. विनय बजरंगी जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्य से सलाह लेना आपके भविष्य को सकारात्मक दिशा दे सकता है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)


1. क्या बिना कुंडली मिलान के विवाह संभव है?

हाँ, संभव है लेकिन यह जोखिमपूर्ण हो सकता है। विवाह के बाद समस्याओं की संभावना अधिक हो सकती है, इसलिए कुंडली मिलवाना समझदारी भरा कदम है।

2. अगर कुंडली नहीं मिले तो क्या उपाय है?

अगर गुण मिलान कम हो, तो दोष निवारण उपाय, मंत्र जाप या विशेष पूजा से शादी को सफल बनाया जा सकता है।

3. क्या लव मैरिज के लिए भी कुंडली मिलवाना जरूरी है?

हाँ, लव मैरिज में भी ग्रहों की स्थिति और भविष्य के योग को देखना जरूरी होता है।

4. क्या कुंडली मिलान से तलाक की आशंका कम हो सकती है?

अगर कुंडली सही से मिलाई जाए और सही उपाय किए जाएं तो तलाक की आशंका को काफी हद तक रोका जा सकता है।

5. डॉ. विनय बजरंगी से कैसे संपर्क करें?

आप उनकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। वे ऑनलाइन कुंडली मिलान और परामर्श सेवाएं भी प्रदान करते हैं।


किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।



 
 
 

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