शनि के प्रभाव को दूर करने के लिए ज्योतिष उपाय
- Dr. Vinay Bajrangi
- 5 hours ago
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शनि ग्रह को न्याय के देवता कहा जाता है। यह व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देता है — अच्छे कर्म पर इनाम और बुरे कर्म पर दंड। शनि की दशा या साढ़ेसाती अथवा ढैय्या जब कुंडली में प्रभावी होती है, तब जीवन में संघर्ष, बाधाएं, रोग, दरिद्रता और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। लेकिन डरने की बजाय यदि शनि दूर करने के लिए ज्योतिष उपाय प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
शनि के अशुभ प्रभाव के लक्षण
जब शनि ग्रह अशुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है:
· बार–बार नौकरी में रुकावट या नौकरी का जाना
· आर्थिक तंगी या कर्ज़ में डूबना
· कोर्ट–कचहरी के मामले बढ़ना
· स्वास्थ्य में लंबी बीमारी
· पारिवारिक कलह व मानसिक तनाव
· समाज में बदनामी
इन लक्षणों से यह संकेत मिलता है कि शनि ग्रह का प्रभाव कुंडली में असंतुलित है।
शनि के प्रभाव को शांत करने के ज्योतिष उपाय
1. हनुमान जी की उपासना करें
हनुमान जी को शनि ग्रह का शत्रु माना गया है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और बजरंग बाण पढ़ें। इससे शनि के दोष कम होते हैं।
2. शनि मंत्र का जाप करें
रोज़ाना “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह शनि के अशुभ फल को शांत करने का प्रभावशाली उपाय है।
3. शनिवार को तेल दान करें
एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और फिर उसे शनि मंदिर में दान करें। यह शनि दोष निवारण के लिए बहुत उपयोगी है।
4. काले वस्त्र पहनें और काली चीजों का दान करें
शनिवार को काले कपड़े पहनें और गरीबों को काले चने, काला तिल, लोहा, उड़द आदि का दान करें।
5. नीलम रत्न धारण करें (केवल विशेषज्ञ सलाह पर)
यदि कुंडली में शनि शुभ हो परन्तु कमजोर हो, तो नीलम (Blue Sapphire) धारण किया जा सकता है। लेकिन इसे Dr. Vinay Bajrangi जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्य की सलाह से ही धारण करें, क्योंकि नीलम तेज प्रभाव वाला रत्न होता है।
6. शनि यंत्र की स्थापना करें
अपने घर में शनि यंत्र स्थापित करें और प्रतिदिन उसकी पूजा करें। इससे मानसिक शांति और आत्मबल बढ़ता है।
7. शनि अमावस्या या शनि जयंती पर व्रत करें
इन विशेष अवसरों पर व्रत और दान करना शनि की कृपा पाने का श्रेष्ठ उपाय है।
शनि से जुड़ी विशेष जानकारी
· शनि की साढ़ेसाती 7.5 वर्ष चलती है और यह तीन राशियों से होकर गुजरती है।
· शनि की ढैय्या 2.5 वर्षों की होती है।
· यह ग्रह कुंभ और मकर राशि का स्वामी है और तुला राशि में उच्च होता है।
Dr. Vinay Bajrangi की सलाह क्यों जरूरी है?
Dr. Vinay Bajrangi एक ख्यातिप्राप्त ज्योतिषाचार्य हैं, जो वेदिक ज्योतिष और कर्म सिद्धांत पर आधारित समाधान प्रदान करते हैं। उनकी विशेषज्ञता से आप जान सकते हैं:
· आपकी कुंडली में शनि की स्थिति कैसी है?
· क्या आपको शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है?
· कौन–से रतन या उपाय आपके लिए अनुकूल हैं?
यदि आप सही मार्गदर्शन चाहते हैं, तो Dr. Bajrangi से कुंडली विश्लेषण अवश्य करवाएं।
FAQs: शनि के प्रभाव से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1: क्या हर किसी को साढ़ेसाती का असर होता है?
A1: नहीं, साढ़ेसाती सभी पर समान असर नहीं डालती। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी जन्म कुंडली में शनि की स्थिति कैसी है। किसी पर यह सकारात्मक असर भी डाल सकती है।
Q2: क्या नीलम पहनना सभी के लिए शुभ होता है?
A2: बिल्कुल नहीं। नीलम रत्न बहुत तेज असर वाला होता है और इसे बिना ज्योतिष परामर्श के पहनना हानिकारक हो सकता है। केवल योग्य विशेषज्ञ की सलाह से ही पहनें।
Q3: क्या हनुमान जी की पूजा से शनि शांत होते हैं?
A3: हां, हनुमान जी को शनि देव का शत्रु माना गया है। उनकी भक्ति से शनि के नकारात्मक प्रभाव काफी हद तक कम होते हैं।
Q4: शनि दोष को पहचानने के लिए क्या उपाय है?
A4: इसके लिए जन्म कुंडली का विश्लेषण आवश्यक होता है। आप Dr. Vinay Bajrangi जैसे ज्योतिषी से संपर्क कर सही जानकारी पा सकते हैं।
यदि आप भी शनि के अशुभ प्रभाव से परेशान हैं, तो डरें नहीं, ज्योतिष उपाय अपनाएं, और किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लें। Dr. Vinay Bajrangi जैसे विशेषज्ञ आपको जीवन में स्थिरता और सकारात्मकता पाने में सहायता कर सकते हैं।
किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।
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