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कुंडली में खाली घरों का महत्व और प्रभाव ज्योतिष में जानें

  • Writer: Dr. Vinay Bajrangi
    Dr. Vinay Bajrangi
  • 2 hours ago
  • 4 min read

कुंडली का हर घर व्यक्ति के जीवन के किसी न किसी क्षेत्र से जुड़ा होता है — जैसे धन, स्वास्थ्य, विवाह, करियर, विदेश यात्रा आदि। जब हम अपनी जन्म कुंडली देखते हैं, तो कई बार पाते हैं कि कुछ घरों में कोई ग्रह नहीं होता। इसे ही “खाली घर” कहा जाता है।


अब सवाल उठता है — क्या इन खाली घरों का कोई महत्व नहीं होता? क्या इन घरों का जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता? इस लेख में हम जानेंगे कि ज्योतिष में कुंडली के खाली घरों का क्या मतलब होता है, और ये हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं।


क्या होता है कुंडली में खाली घर?


जब कुंडली विश्लेषण किया जाता है, तो देखा जाता है कि कौन से ग्रह किस घर में स्थित हैं। अगर किसी घर में कोई ग्रह नहीं बैठा हो, तो उसे “खाली घर” कहा जाता है। यह बिल्कुल सामान्य बात है, क्योंकि कुंडली में केवल 9 ग्रह होते हैं और कुल 12 घर होते हैं। अतः स्वाभाविक है कि कुछ घर खाली रहेंगे।


क्या खाली घर जीवन में उस क्षेत्र की कमजोरी दर्शाते हैं?


यह एक ज्योतिषीय भ्रम है कि खाली घर का मतलब उस क्षेत्र में कमी है। वास्तव में, खाली घर यह नहीं दर्शाता कि उस क्षेत्र में कुछ नहीं होगा। बल्कि, उस घर का फल उस घर के स्वामी ग्रह, राशी, और दृष्टि डालने वाले ग्रहों पर निर्भर करता है।


उदाहरण के लिए, यदि सातवां घर (जो विवाह का कारक है) खाली है, तो इसका मतलब यह नहीं कि विवाह नहीं होगा। बल्कि देखा जाएगा कि सातवें घर का स्वामी ग्रह कौन सा है, वह किस स्थिति में है, और उस पर किन ग्रहों की दृष्टि पड़ रही है।


Dr. Vinay Bajrangi का दृष्टिकोण


प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य Dr. Vinay Bajrangi के अनुसार, “खाली घरों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।” वे कहते हैं कि खाली घर भी बहुत कुछ बोलते हैं — बस उनकी सही व्याख्या जरूरी है। उनके अनुसार, कई बार खाली घर जीवन के कुछ क्षेत्रों में विलंब, विवाह समस्याएं, या अप्रत्याशित घटनाएं भी दर्शा सकते हैं, जो केवल गहन कुंडली विश्लेषण से ही समझ में आती हैं।


खाली घरों का प्रभाव किन बातों पर निर्भर करता है?


1. खाली घर का स्वामी ग्रह: वह ग्रह जो उस घर का स्वामी है — वह कहां स्थित है, वह शुभ है या अशुभ, यह तय करता है कि खाली घर का परिणाम कैसा होगा।

2. उस घर की राशि: उस घर में कौन–सी राशि बैठी है — यह भी बहुत मायने रखता है।

3. अन्य ग्रहों की दृष्टि: कई बार दूसरे ग्रह उस घर पर दृष्टि डालते हैं जिससे उस घर का प्रभाव सक्रिय होता है।

4. दशा और गोचर: जब उस घर से संबंधित ग्रह की दशा आती है, तब उस घर से जुड़े फल जीवन में सक्रिय हो जाते हैं।


क्या खाली घरों से डरना चाहिए?


बिलकुल नहीं। कई बार खाली घर शुभ परिणाम भी दे सकते हैं, खासकर तब जब उनका स्वामी ग्रह मजबूत स्थिति में हो। इसलिए कुंडली में खाली घरों से डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उनकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए।


FAQs — कुंडली में खाली घरों से जुड़े सामान्य प्रश्न


Q1. क्या कुंडली में खाली घर जीवन में उस क्षेत्र का अभाव दर्शाते हैं?

उत्तर: नहीं, खाली घर का मतलब केवल यह है कि उस घर में कोई ग्रह नहीं है। फल उस घर के स्वामी और ग्रह दृष्टियों पर निर्भर करता है।


Q2. क्या खाली सातवें घर का मतलब है कि विवाह नहीं होगा?

उत्तर: नहीं। विवाह संभव है। इस स्थिति में सातवें घर के स्वामी की स्थिति और दशा बहुत महत्वपूर्ण होती है।


Q3. क्या हर कुंडली में कुछ घर खाली होते हैं?

उत्तर: हाँ, सामान्यत: हर कुंडली में कुछ घर खाली रहते हैं क्योंकि 9 ग्रह हैं और 12 घर।


Q4. क्या खाली घर अशुभ होते हैं?

उत्तर: नहीं। खाली घर न तो शुभ होते हैं और न अशुभ। इनका प्रभाव उनकी युति, दृष्टि और दशा पर निर्भर करता है।


Q5. क्या Dr. Vinay Bajrangi से व्यक्तिगत कुंडली सलाह ली जा सकती है?

उत्तर: हाँ, Dr. Vinay Bajrangi एक अनुभवी और प्रख्यात ज्योतिषाचार्य हैं। आप उनसे व्यक्तिगत कुंडली परामर्श ले सकते हैं, विशेष रूप से जब आपकी कुंडली में कई घर खाली हों।


निष्कर्ष


कुंडली में खाली घर केवल एक ज्योतिषीय संकेत हैं जिन्हें अनुभवी ज्योतिषाचार्य ही सही से समझ सकते हैं। इनसे न डरें, बल्कि सही मार्गदर्शन प्राप्त करें। यदि आपकी कुंडली में भी कुछ घर खाली हैं और आप जानना चाहते हैं कि इसका आपके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, तो Dr. Vinay Bajrangi से संपर्क करें और सही समाधान पाएं।


किसी भी विशिष्ट मुद्दे के लिए, मेरे कार्यालय @ +91 9999113366 से संपर्क करें। भगवान आपको एक खुशहाल जीवन आनंद प्रदान करें।



 
 
 

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