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चिकित्सा ज्योतिष: जन्म कुंडली द्वारा स्वास्थ्य समस्याएँ और समाधान

Writer's picture: Dr. Vinay BajrangiDr. Vinay Bajrangi

Health problems and solutions by birth chart
Health problems and solutions by birth chart

चिकित्सा ज्योतिष, जिसे स्वास्थ्य ज्योतिष भी कहा जाता है, एक प्राचीन प्रथा है जो यह मानती है कि ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। जन्म कुंडली के आधार पर, जो कि व्यक्ति की जन्म तिथि, समय और स्थान पर आधारित होती है, ज्योतिषी व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुमान लगा सकते हैं और उन्हें सुधारने के उपाय सुझा सकते हैं। यह विज्ञान न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को समझता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों को भी उजागर करता है।


चिकित्सा ज्योतिष का आधार


चिकित्सा ज्योतिष का मूल यह मान्यता है कि प्रत्येक राशि और ग्रह का शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रभाव पड़ता है। यदि किसी ग्रह की स्थिति जन्म कुंडली में कमजोर या प्रतिकूल होती है, तो वह व्यक्ति को विशेष स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करवा सकती है। उदाहरण के लिए, सूर्य का शारीरिक स्वास्थ्य और ऊर्जा से सीधा संबंध है, जबकि चंद्रमा का प्रभाव मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर अधिक होता है।


स्वास्थ्य राशिफल और जन्म कुंडली


जन्म कुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति यह तय करती है कि किसी व्यक्ति को किस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना हो सकता है। उदाहरण के लिए:


  • सूर्य: सूर्य व्यक्ति की जीवन शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक होता है। यदि सूर्य जन्म कुंडली में कमजोर है, तो यह थकान, कमजोरी, या किसी हृदय संबंधित समस्या का कारण बन सकता है।

  • चंद्रमा: चंद्रमा मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है। चंद्रमा की स्थिति कमजोर होने से तनाव, चिंता, और मानसिक विकार जैसे मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।

  • मंगल: मंगल का शरीर में ऊर्जा, गतिशीलता और शारीरिक ताकत से संबंध है। यदि मंगल कमजोर हो या विपरीत स्थिति में हो, तो व्यक्ति को शारीरिक समस्याओं जैसे सूजन, संक्रमण, या दुर्घटनाओं का सामना हो सकता है।

  • शनि: शनि दीर्घकालिक बीमारियों, हड्डी संबंधित समस्याओं, और वृद्धावस्था से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का प्रतीक है। यदि शनि कमजोर है, तो हड्डियों से जुड़ी समस्याएं या पुरानी बीमारियाँ हो सकती हैं।


जीवनकाल भविष्यवाणी


चिकित्सा ज्योतिष के द्वारा जीवनकाल की भविष्यवाणी की जा सकती है। जन्म कुंडली का विश्लेषण करके यह अनुमान लगाया जाता है कि व्यक्ति का जीवन कितना लंबा होगा और उसे किस प्रकार की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। विशेषकर 8वीं राशि और उसकी स्थिति जीवनकाल और मृत्यु से जुड़ी भविष्यवाणियाँ देती है। यदि 8वीं राशि पर कोई विपरीत ग्रह हो, तो यह व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा पर प्रभाव डाल सकता है।


स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान


चिकित्सा ज्योतिष के अनुसार,विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं जो ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम करके व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं। इनमें से कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:


  1. रत्नों का उपयोग: प्रत्येक ग्रह से संबंधित रत्नों का उपयोग स्वास्थ्य में सुधार ला सकता है। उदाहरण के लिए, यदि शनि कमजोर हो तो नीलम रत्न पहनना फायदेमंद हो सकता है, और अगर मंगल कमजोर हो तो मूंगा रत्न का उपयोग किया जा सकता है।

  2. मंत्र और पूजा: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए विशेष मंत्रों का जाप और पूजा की जाती है। जैसे कि शनि के प्रभाव को कम करने के लिए "शनि देव की पूजा" और सूर्य के प्रभाव को सुधारने के लिए "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ किया जा सकता है।

  3. आहार और जीवनशैली: जन्म कुंडली के अनुसार, एक व्यक्ति की स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए आहार और जीवनशैली में परिवर्तन करने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, तो उसे थकान या चिंता जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, और उसे जल का अधिक सेवन करने की सलाह दी जा सकती है।

  4. योग और ध्यान: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योग और ध्यान भी उपयोगी हो सकते हैं। प्रत्येक राशि के लिए विशिष्ट योग आसन होते हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, वृश्चिक राशि के जातक के लिए पेट और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए विशिष्ट योग आसन सुझाए जाते हैं।


व्यवसाय योग और पारिवारिक व्यवसाय में सफलता


चिकित्सा ज्योतिष केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि व्यक्ति के पेशेवर जीवन पर भी असर डालता है। जन्म कुंडली में व्यवसाय योग का विश्लेषण करके यह अनुमान लगाया जा सकता है कि व्यक्ति के लिए कौन सा पेशा उपयुक्त रहेगा और कौन से ग्रह उसकी सफलता में रुकावट डाल सकते हैं।


पारिवारिक व्यवसाय में सफलता का संबंध भी जन्म कुंडली से होता है। यदि 2nd (धन), 10th (कैरियर) और 4th (घर और परिवार) घर में शुभ ग्रहों का प्रभाव हो, तो यह पारिवारिक व्यवसाय में सफलता की संभावना को बढ़ा सकता है। विशेष रूप से, अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य और बुध जैसे ग्रह मजबूत हैं, तो वह परिवार के व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर सकता है।


इसके अलावा, शनि का प्रभाव पारिवारिक व्यवसाय में कठिनाइयाँ ला सकता है, जबकि शुक्र और बृहस्पति की स्थिति पारिवारिक जीवन में समृद्धि और सौहार्द ला सकती है। यदि किसी के व्यवसाय में रुकावट आ रही हो, तो ज्योतिषी उन्हें विभिन्न उपाय सुझा सकते हैं जैसे कि उचित दिन पर व्यवसाय की शुरुआत, रत्न पहनना या विशेष पूजा का आयोजन।


निष्कर्ष


चिकित्सा ज्योतिष एक शक्तिशाली और पुरानी विद्या है, जो जन्म कुंडली के माध्यम से न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रदान करती है, बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए ज्योतिष उपाय भी बताती है। इसके अलावा, यह व्यक्ति के जीवनकाल, व्यवसाय और पारिवारिक जीवन पर भी गहरा प्रभाव डालती है। जन्म कुंडली/kundali का विश्लेषण करके, हम अपने स्वास्थ्य और जीवन के अन्य पहलुओं को बेहतर समझ सकते हैं और उन्हें सुधारने के लिए उपयुक्त उपाय अपना सकते हैं।


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