स्वास्थ्य भविष्यवाणी के लिए कुंडली का उपयोग कैसे करें?
- Dr. Vinay Bajrangi
- Jul 29
- 4 min read

हमारी कुंडली न केवल हमारे भविष्य, विवाह, या करियर की जानकारी देती है, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य से संबंधित संभावित समस्याओं और उनकी समाधान के बारे में भी संकेत देती है। स्वास्थ्य भविष्यवाणी ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। सही तरीके से जन्म कुंडली का विश्लेषण करने से यह जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति को जीवन में किन–किन स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
कुंडली में स्वास्थ्य का महत्व
स्वास्थ्य की स्थिति को जानने के लिए कुंडली में विशेष रूप से पहला भाव (लग्न भाव), छठा भाव, आठवां भाव, और बारहवां भाव का विशेष महत्व होता है। इन भावों में स्थित ग्रह और उनके साथ बने योग बताते हैं कि व्यक्ति को किस प्रकार की बीमारियों की संभावना है और किस उम्र में वे प्रकट हो सकती हैं।
· लग्न भाव: यह व्यक्ति के शरीर, रूप–रंग और संपूर्ण स्वास्थ्य को दर्शाता है।
· छठा भाव: यह रोग, दैनिक समस्याएं, और शत्रुओं का भाव है।
· आठवां भाव: यह भाव दीर्घकालिक रोग, अचानक दुर्घटनाएं और आयु को दर्शाता है।
· बारहवां भाव: यह भाव अस्पताल, बिस्तर पर रहना, और मानसिक तनाव से जुड़ा होता है।
ग्रह और स्वास्थ्य पर उनका प्रभाव
· शनि: यदि शनि छठे या आठवें भाव में हो, तो पुराने रोग, जोड़ों का दर्द, या अवसाद संभव है।
· राहु और केतु: ये ग्रह जब अशुभ स्थिति में होते हैं, तो गंभीर बीमारी या अज्ञात रोग ला सकते हैं।
· मंगल: अत्यधिक उर्जा देने वाला ग्रह है, लेकिन अशुभ हो तो दुर्घटनाएं या रक्त संबंधित रोग देता है।
· चंद्रमा: चंद्रमा की स्थिति मानसिक स्वास्थ्य को दर्शाती है। कमजोर चंद्रमा अवसाद और तनाव का कारण बनता है।
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डॉ. विनय बजरंगी द्वारा सुझाए गए उपाय
Dr Vinay Bajrangi कहते हैं कि यदि कुंडली में स्वास्थ्य संबंधी दोष नजर आएं, तो उन्हें ज्योतिषीय उपायों, मंत्र जाप, दान, और जीवनशैली में बदलाव से संतुलित किया जा सकता है। जैसे:
· चंद्रमा कमजोर हो तो शिव की पूजा और दूध का दान लाभकारी होता है।
· शनि दोष हो तो शनिवार को तेल दान और शनि मंत्र का जाप किया जाए।
· राहु/केतु से पीड़ित हो तो राहु–केतु शांति पूजा करवाई जा सकती है।
स्वास्थ्य भविष्यवाणी के लाभ
1. समय रहते सावधानी: संभावित बीमारियों का पूर्वाभास मिलने से व्यक्ति पहले ही सतर्क हो जाता है।
2. निवारक उपाय: ग्रहों की स्थिति के अनुसार उचित उपाय करके बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
3. आध्यात्मिक संतुलन: ज्योतिषीय उपायों से मानसिक और भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है।
4. निजीकृत सलाह: हर व्यक्ति की कुंडली अलग होती है, इसलिए स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह भी व्यक्तिगत होती है।
FAQs — स्वास्थ्य भविष्यवाणी और कुंडली
Q1: क्या कुंडली से बीमारी का पता चल सकता है?
A1: हां, कुंडली से यह जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति को किस प्रकार की बीमारियों की संभावना है, उनकी समय अवधि, और उनके संभावित उपाय क्या हो सकते हैं।
Q2: स्वास्थ्य भविष्यवाणी के लिए कौन से ग्रह और भाव जरूरी हैं?
A2: मुख्य रूप से लग्न, छठा, आठवां और बारहवां भाव, तथा ग्रहों में शनि, राहु, केतु, मंगल, और चंद्रमा का विश्लेषण जरूरी होता है।
Q3: यदि कुंडली में गंभीर बीमारी का योग हो तो क्या कोई उपाय है?
A3: हां, Dr Vinay Bajrangi के अनुसार मंत्र जाप, दान, व्रत, और नियमित पूजा द्वारा इन योगों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
Q4: क्या स्वास्थ्य संबंधी ज्योतिषीय उपाय वैज्ञानिक होते हैं?
A4: यह उपाय प्राचीन वैदिक ज्योतिषीय सिद्धांतों पर आधारित होते हैं। ये मानसिक संतुलन, आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान कर स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।
Q5: क्या डॉक्टर की सलाह के साथ ज्योतिषीय उपाय भी अपनाए जा सकते हैं?
A5: बिल्कुल। Dr Vinay Bajrangi स्वयं कहते हैं कि चिकित्सा उपचार के साथ ज्योतिषीय उपाय एक–दूसरे के पूरक हैं।
निष्कर्ष
स्वास्थ्य के लिए कुंडली एक गहराई से विश्लेषण करने वाला दर्पण है। सही मार्गदर्शन के साथ व्यक्ति अपने भविष्य की बीमारी और स्वास्थ्य स्थिति के लिए पहले से तैयार हो सकता है। यदि आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में कौन से ग्रह आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं, तो Dr Vinay Bajrangi जैसे अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
अगर आप चाहते हैं कि हम आपकी स्वास्थ्य कुंडली का विश्लेषण करें, तो अपनी जन्म तिथि, समय, और स्थान के साथ हमसे संपर्क करें।
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